केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रतियोगिता के इस दौर में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए शिक्षण संस्थानों का कर्तव्य और भी बढ़ जाता है। बच्चों के व्यक्तिगत विकास में माता-पिता से अधिक शिक्षक का योगदान होता है। इसलिए परीक्षा के दिनों में बच्चों पर होने वाले तनाव से शिक्षक ही उबार सकते है। हमें बच्चों को इस प्रकार की शिक्षा प्रदान करनी चाहिए, जिससे बच्चों को शिक्षा बोझ न लगकर रूचिकर लगे। उन्होंने बच्चों के स्वर्णिम भविष्य की कामना के साथ स्कूल प्रबंधक कमेटी की प्रशसा करते हुए कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है।
इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य ईश्वर सिंह ने कहा कि शिक्षा एक अमूल्य रत्न है, जिसे भाग्यशाली लोग ही प्राप्त कर पाते हैं। वे माता-पिता भाग्यशाली है, जिनकी पहचान उनके बच्चों से होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का कर्तव्य बनता है कि वे बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा का ज्ञान भी दें।
समारोह में स्कूली बच्चों द्वारा राजस्थानी लोक नृत्य, फ्लेमिंगो डांस, कोरियोग्राफी, भंगड़ा, आरकेस्ट्रा तथा कृष्ण नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। इसके पश्चात मुख्यातिथि ने शैक्षणिक उपलब्धियों में अव्वल रहे विद्यार्थियों को विपिन मनचंदा मेमोरियल अवार्ड व मनमोहन सिंघल मेमोरियल अवार्ड से पुरस्कृत किया।
इससे पहले अग्रसेन पब्लिक स्कूल प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने धर्मक्षेत्र व ऐतिहासिक स्थली पर पंहुचने पर मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा स्कूल द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों से अवगत करवाया। कार्यक्रम में स्कूल प्रबंधन कमेटी के उपाध्यक्ष विश्वपाल गोयल व अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। कमेटी के प्रबंधक ईश्वर चंद गोयल ने मुख्यातिथि समेत अन्य अतिथियों का आभार जताया।
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