Thursday, June 30, 2011

कस्बे में गृहकर न भरने वालों की अब खैर नहीं। नगर पालिका ने सुविधाएं हासिल करने के बावजूद गृहकर न भरने वालों पर अब शिकंजा कसने का मन बना लिया है। इसके लिए नगर पालिका अधिकारियों ने खाका तैयार किया है। इसके तहत पहले नगर पालिका गृहकर दाताओं से प्रार्थना कर गृहकर भरने की अपील करेगा और इसके बाद भी यदि लोगों ने गृहकर अदा नहीं किया तो इन गृह कर दाताओं के फ्लैक्स बनाकर कस्बे के चौकों पर लगाए जाएंगे। इसके अलावा इन लोगों को नोटिस देकर मामले दर्ज कराने की योजना भी बनाई गई है। इस संबंध में हुई अधिकारियों की बैठक में कस्बे में पॉलीथिन का प्रयोग करने वाले दुकानदारों पर भी शिकंजा कसने की योजना बनाई गई है। तैयार की गई योजना पर कार्रवाई भी शुरू की जा चुकी है।

अब सख्ती से होगा काम: बठला

वहीं इस संबंध में नपा सचिव के एल बठला से बातचीत की गई उनहोंने माना कि ऐरी योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों पर तो कार्रवाई शुरू भी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि एक बार पहले भी नगर पालिका ने इस तरह की एक योजना बनाकर कार्रवाई की थी, जिसका सकारात्मक परिणाम हासिल हुआ था।

कस्बे में गृहकर न भरने वालों की अब खैर नहीं। नगर पालिका ने सुविधाएं हासिल करने के बावजूद गृहकर न भरने वालों पर अब शिकंजा कसने का मन बना लिया है। इसके लिए नगर पालिका अधिकारियों ने खाका तैयार किया है। इसके तहत पहले नगर पालिका गृहकर दाताओं से प्रार्थना कर गृहकर भरने की अपील करेगा और इसके बाद भी यदि लोगों ने गृहकर अदा नहीं किया तो इन गृह कर दाताओं के फ्लैक्स बनाकर कस्बे के चौकों पर लगाए जाएंगे। इसके अलावा इन लोगों को नोटिस देकर मामले दर्ज कराने की योजना भी बनाई गई है। इस संबंध में हुई अधिकारियों की बैठक में कस्बे में पॉलीथिन का प्रयोग करने वाले दुकानदारों पर भी शिकंजा कसने की योजना बनाई गई है। तैयार की गई योजना पर कार्रवाई भी शुरू की जा चुकी है।

अब सख्ती से होगा काम: बठला

वहीं इस संबंध में नपा सचिव के एल बठला से बातचीत की गई उनहोंने माना कि ऐरी योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों पर तो कार्रवाई शुरू भी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि एक बार पहले भी नगर पालिका ने इस तरह की एक योजना बनाकर कार्रवाई की थी, जिसका सकारात्मक परिणाम हासिल हुआ था।

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के जिला अध्यक्ष अमन ने कहा कि कुवि में सेमेस्टर शिक्षा प्रणाली संसाधनों के अभाव में असफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में शुक्रवार को उनका संगठन कुवि कुलपति को ज्ञापन सौंपेगा।

उन्होंने कहा कि जो छात्र अन्य सभी विषयों में 70 से 80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर रहे हो, वो सभी एक ही विषय में फेल हो गए। बीए अंतिम वर्ष, बीटेक व बीएसी मेडिकल प्रथम वर्ष के घोषित परिणामों का भी यही हाल है। छात्रों को बाद में परीक्षा शाखा के चक्कर काटने पड़ते हैं। एसएफआइ के जिला सेक्रेटरी सुशील ने कहा कि यूनिवर्सिटी में गैर शिक्षक कर्मचारियों की कमी के कारण परिणाम देरी से आता है। सदस्यों ने सेमेस्टर परीक्षा प्रणाली की दोबारा जाच करने की मांग की । इस मौके पर एसएफआइ की प्रधान निर्मल प्रमुख तौर पर उपस्थित थी।

नौ अधिकारी एवं कर्मचारी बृहस्पतिवार को सेवानिवृत

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कार्यरत नौ अधिकारी एवं कर्मचारी बृहस्पतिवार को सेवानिवृत हुए। इनमें एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एससी शर्मा एवं डॉ. डीएस संधू, सहायक पद से संतोष चावला, मदन गोपाल शर्मा एवं हरि सिंह, इलेक्ट्रनिक पद से सोहन सिंह एवं धन सिंह, सुरक्षा कर्मचारी पद से एस नैयर,बलदेव सिंह शामिल है। उल्लेखनीय है कि डॉ. एससी शर्मा अप्रैल 2010 से यूनिवर्सिटी कॉलेज में बतौर प्रिंसिपल कार्यरत थे एवं डॉ. डीएस संधू वर्ष 1996 से यूनिवर्सिटी में बतौर आफिसर इचार्ज, सुरक्षा के पद पर अतिरिक्त रूप से कार्यरत थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय के कुलपति जनरल डॉ. डीडीएस संधू ने कमेटी रूम में सभी उपस्थित सेवानिवृत कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह एवं शाल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुरेंद्र देशवाल, यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्राध्यापक मनोज मिश्रा, गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रधान राम प्रकाश, महासचिव दीपक शर्मा, अधीक्षक डीके बजाज उपस्थित थे।

सतलुज-यमुना लिंक नहर के किनारों को मजबूत करने के लिए सरकार ने 4 करोड़ रुपये की राशि मंजूर



RAKESH ROHILLA KURUKSHETRA
M9996734100
जिला प्रशासन ने बाढ़ से बचाव के उपाय युद्धस्तर पर करके पूरा करने का अभियान चलाया है। पहली बार सतलुज-यमुना लिंक नहर के किनारों को मजबूत करने के लिए सरकार ने 4 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की थी, लेकिन जल सेवा डिविजन ने इस कार्य को ढ़ाई करोड़ रुपये में निर्धारित अवधि में पूरा कर लिया है। जिला उपायुक्त सीजी रजनिकंातन ने बताया कि पिछले वर्ष सतलुज-यमुना लिंक नहर के किनारे में आई दरार के कारण कुरुक्षेत्र नगर के शाति नगर, दीदार नगर की आवासीय कालोनियों में पानी भरने के कारण काफी नुकसान हुआ था। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन ने सतलुज-यमुना लिंक नहर के किनारों को प्राथमिकता के आधार पर मजबूत करने का काम चलाया। जल सेवाएं डिविजन ने इस नहर को 29 किलोमीटर से 41 किलोमीटर तथा 44 किलोमीटर से साढे 47 किलोमीटर के क्षेत्र में बाई तरफ के किनारे को मजबूत किया गया। 13 किलोमीटर से 29 किलोमीटर तथा 41 किलोमीटर से 44 किलोमीटर तक किनारों के आस-पास जो भी कट थे, उनमें मिट्टी भरकर मजबूत करने का काम पूरा किया गया। उन्होंने बताया कि सतलुज-यमुना लिंक नहर के 13 से 48 किलोमीटर के क्षेत्र में सफाई का काम भी पूरा किया गया। डिविजन द्वारा इस नहर की मजबूती के साथ-साथ विभिन्न बाधों व ड्रेनों की सफाई का काम भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया गया। जो ड्रेन पिछले चार वर्षो से सफाई के अभाव में लंबित पड़े थे, उन ड्रेनों को भी इस बार साफ किया गया है। इन ड्रेनों में संधौली ड्रेन, लुखी ड्रेन तथा शाहबाद क्षेत्र की बैंतन ड्रेन व कराह साहिब ड्रेन शामिल है। सतलुज-यमुना लिंक नहर के पैरलेल ड्रेन जो बचगावा, दबखेड़ी गाव से होकर गुजरती है, इस ड्रेन की भी समुचित सफाई का काम पूरा किया गया। इस दौरान लिंडा नाला की सफाई का काम भी पूरा कर लिया गया है। जल सेवाएं डिविजन के कार्यकारी अभियंता जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि उनके विभाग द्वारा गाव डाडलू, पाडलू, खानपुरा, शाहबाद, रामनगर, कलसाना, मोहनपुर, मदनपुर, मलिकपुर, गुमटी, नलवी, नगला, बसंतपुर, झड़ौली खुर्द, शातिनगर, गोरखा, ठौल, रोहटी, ठसका मीराजी, इस्माईलाबाद, टबरा, मेगामाजरा, दुनियामाजरा, जलबेड़ा, गंगहेड़ी, टयूकर, महाशय प्लाट, सादिकपुर, हरिगढ़ भौरख गावों की आबादी व कृषि भूमि को बचाने के लिए 2 करोड़ रुपये की राशि खर्च करके बाढ़ बचाव के कार्यो को पूरा किया गया है। इसके अतिरिक्त आरडी 4500 आरएमबी झासा के आस-पास आबादी व कृषि भूमि को बचाने के लिए सवा सात लाख रुपये की लागत से पत्थरों से किनारे मजबूत करने का काम भी पूरा कर लिया गया है। बाढ़ के पानी को शातिनगर, नलवी, बसंतपुर, झड़ौलीखुर्द व झासा से निकालने के लिए एसवाईएल के 20 किलोमीटर पर इनलेट निर्माण का काम भी पूरा कर दिया गया है।

जहा इसान दिन के समय भी जाने से घबराए ऐसे स्थान पर कुछ लोग डेरा डालकर रात को खाना खा कर आराम फरमाए तो अटपटा अवश्य लगता है। इसका प्रमाण ठसका मीरा जी गांव के पास शमशान घाट में देखने का मिला।

बुधवार देर शाम को तीन घोड़ा रेहड़ों पर गाव दर गाव सामान बेचकर गुजारा करने वालों को ग्रामीणों ने इलाके में बाढ़ आने के खतरे से अवगत कराया। इन लोगों ने मारकंडा नदी की ओर न जा कर गाव के पास स्थित शमशान घाट में ही डेरा डाल दिया। इस शमशान घाट में बिजली व पीने के पानी तक का भी प्रबंध नहीं है। इसमें डेरा डालने वालों ने रात के समय चूल्हा जलाकर खाना बनाया और मजे से खाया। बृहस्पतिवार को इन लोगों को देखने गाव के लोग पहुचे। इन लोगों ने बताया कि वे गुड़, शक्कर, खल, साबुन आदि बेचने का काम करते है। इन लोगों ने बताया कि रात के समय ठहरने के लिए शमशान घाट का चयन इस लिए किया गया कि रात के समय ऐसे स्थान पर चोरी का किसी प्रकार का भय नहीं रहता है। ग्रामीणों ने इन लोगों के साहस की सराहना की।

धरोहर हरियाणा संग्रहालय में प्रदेश तथा देश के प्रसिद्ध राजवंशों से संबंधित सिक्कों का सेक्शन तैयार किया जाएगा


RAKESH ROHILLA KURUKSHETRA
M.9996734100
कुरुक्षेत्र धरोहर हरियाणा संग्रहालय में प्रदेश तथा देश के प्रसिद्ध राजवंशों से संबंधित सिक्कों का सेक्शन तैयार किया जाएगा, ताकि जनता प्रदेश की जनपदीय एवं रियासतों के सिक्कों के इतिहास से रुबरु हो सके। यह घोषणा कुवि के कुलपति डॉ. डीडीएस सन्धू ने धरोहर हरियाणा में आयोजित एक दिवसीय सिक्कों के प्रदर्शनी के उद्घाटन के पश्चात की। एक दिवसीय प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर कुवि के कुलपति ने हरियाणा तथा पंजाब के अलग-अलग भागों से आए सिक्कों के संकलनकर्ताओं के प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के सिक्कों की प्रदर्शनी का आयोजन किया था। मुख्यातिथि ने अलग अलग रजवाड़ों तथा रियासतों के सिक्कों का गहनता से अवलोकन किया और इनकी प्राचीनता एवं पुरातनता के विषय में जानकारी हासिल की। उधर, कुवि के कुलसचिव डॉ. सुरेन्द्र देशवाल ने भी धरोहर हरियाणा संग्रहालय में आयोजित सिक्कों की एकदिवसीय प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उन्होंने कहा कि हरियाणा से संबन्धित सिक्कों को धरोहर हरियाणा संग्रहालय में स्थान दिया जाना चाहिए। इसी कड़ी में प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर विषय-विशेषज्ञ के रूप में पुरातत्वविद प्रो. देवेन्द्र हाण्डा, एमडी यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के प्रो. मनमोहन कुमार, पुरातत्व एवं प्राचीन इतिहास विभाग के प्रो. डॉ. सचदेव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि धरोहर हरियाणा संग्रहालय की प्रदर्शनी में तीन हजार से भी अधिक सिक्कों का प्रदर्शन किया गया था। इनमें सुघ, जनपदीय, कुरु, कार्तिकेय, योधेय, चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य, चन्द्रगुप्त द्वितीय, चन्द्रगुप्त मौर्य, स्थानीय रजवाड़ों, रियासतों, गुप्तकाल, मौर्यकाल, प्रतिहार वंश, पृथ्वीराज चौहान, मुगलकालीन शासकों के सिक्के, ब्रिटिश काल के सिक्के तथा मेडल प्रदर्शित किए गए थे। इससे पूर्व हिन्दी विभाग की अध्यक्षा डॉ. सरीता विशिष्ठ, प्रो. बाबूराम, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. सीडीएस कौशल, प्रो. जितेन्द्र सिंह, शिक्षक क्लब के प्रधान डॉ. अनिल गुप्ता, धरोहर हरियाणा संग्रहालय के क्यूरेटर डॉ. महासिंह पूनिया, कूटा सचिव डॉ. राजपाल, डॉ. ज्ञान चहल प्रमुख तौर पर उपस्थित थे।

Wednesday, June 15, 2011

कुरुक्षेत्र में राधा-कृष्ण का दोबारा से मिलन

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में राधा-कृष्ण का दोबारा से मिलन हुआ था । कुरुक्षेत्र में तमाल का वृक्ष है राधा-कृष्ण के मिलन का साक्षी । कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर स्तिथ है तमाल का वृक्ष, जोकि राधा कृष्ण के अटूट प्रेम का प्रतीक है। यह वृक्ष वृन्दावन के आलावा किसी और जगह पर नही पाया जाता। कुरुक्षेत्र की पवित्रता और धार्मिक महत्व इसलिए है क्योंकि यहाँ पर सूर्य ग्रहण के अवसर पर ब्रह्मसरोवर में स्नान और दान करने से 100 अश्वमेध यज के बराबर फल मिलता है । उसी कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर भगवान श्री कृष्ण का राधा जी के साथ मिलन हुआ था । इसके साथ ही कृष्ण मईया यशोदा और नन्द बाबा जी को भी यहाँ पर मिले थे। श्रीमदभागवत पुराण के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण जब बलराम सहित गोकुल छोड़ कर कंस वध के लिए मथुरा जा रहे थे तब सभी गोपियाँ, राधा रानी व् यशोदा और नन्द बाबा श्री कृष्ण के विरह में बहुत ही दुखी हुए थे और पागलों की तरह इधर उधर दोड़ने लगे । थे तब श्री कृष्ण ने उन्हें वचन देते हुए कहा था कि मेरा और आप लोगो का मिलन एक बार फिर दोबारा अवश्य होगा। श्री कृष्ण ने इसी वचन को निभाते हुए द्वापर युग में सोमवती अमावस्या के दिन जब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा था तो इस अवसर पर कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर माता देवकी, पिता वासुदेव और बलराम सहित वे सभी गोपियों, राधा रानी और नन्द बाबा को मिले थे, वही ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर स्तिथ है राधा कृष्ण मिलन मन्दिर। इस मंदिर में वृन्दावन के निधि वन में पाए जाने वाला तमाल का वृक्ष आज भी मोजूद है। कहा जाता है की ये वो वृक्ष है जिसको राधा कृष्ण कि अनुपस्थिति में कृष्ण समझकर इसका अलीग्न किया करती थी। निधि वन में तमाल के वृक्ष कि छाया में भगवान् श्री कृष्ण राधा रानी के साथ रास लीला किया करते थे। वही तमाल का वृक्ष कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर स्तिथ है। तमाल का यह वृक्ष कृष्ण की लीलाओं को संजोये हुए है। कहा जाता है की तमाल का ये वृक्ष वृन्दावन के निधि वन के आलावा कहीं भी नहीं पाया जाता। इस स्थान पर तमाल के वृक्ष का होना राधा कृष्ण के प्रेम मिलन को दर्शाता है। इस वृक्ष की बनावट कुछ इस प्रकार की है की इस वृक्ष की हर टहनी एक-दूसरी टहनी के साथ उपर जाकर मिल जाती है। इस वृक्ष की टहनिया जैसे-जैसे उपर की और बडती है तो वे एक दूसरी के साथ लिपट जाती है। और एक दुरे का अलीग्न करती है ठीक उसी प्रकार जैसे राधा और कृष्ण का अगाध प्रेम था । इस वृक्ष की बनावट इस प्रकार की है जिसमे वृक्ष की हर टहनी दूसरी टहनी से इस तरह से लिपट जाती है जोकि श्री कृष्ण का गोपियों और राधा के साथ अटूट और अगाध प्रेम को दर्शाता है। आज भी सैंकड़ो लोग इस वृक्ष को देख कर भाव विभोर हो जातें है।